Sunday, 29 August 2021

मेरी माँ

मेरी तकलीफ में मुझसे ज्यादा मेरी माँ ही रोयी है,
खिला - पिला के मुझको माँ, कभी भूखे पेट भी सोयी है,
कभी खिलौनों से खिलाया है, कभी आँचल में छुपाया है,
गलतियाँ करने पर भी माँ ने मुझे हमेशा प्यार से समझाया है,
माँ के चरणों में मुझको जन्नत नज़र आती है,
लेकिन मां मेरी मुझको हमेशा सीने से लगाती है!

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