Sunday, 29 August 2021

जीवन

दो पल की ज़िन्दगी है,
आज बचपन , कल जवानी,
परसों बुढ़ापा, फिर ख़त्म कहानी है|
चलो हंस कर जिए, चलो खुलकर जिए,
फिर ना आने वाली यह रात सुहानी,
फिर ना आने वाला यह दिन सुहाना | कल जो बीत गया सो बीत गया,
क्यों करते हो आनेवाले कल की चिंता,
आज और अभी जिओ, दूसरा पल हो ना हो|

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दो पल की ज़िन्दगी है, आज बचपन , कल जवानी, परसों बुढ़ापा, फिर ख़त्म कहानी है| चलो हंस कर जिए, चलो खुलकर जिए, फिर ना आने वाली यह रात सुहानी...